बस एक पल ...
कभी आखे नमसी हो जाती है
कही मोड ऐसेभी आते है
न जाने क्यो
दिल भी मुस्कुरा लेता है
शायद यही वो चाहता है
हर पल मै ऐसे ही जीता रहू
दुवा करता हू
मेरी हर ख़ुशी उसे मिले
लेकीन क्या करू
दिल कि ख्वाहिश कुछ और है
वो धडकता है मेरे लिये
लेकीन जीना ....
- शशांक नवलकर
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